वर्ल्ड ब्लड डोनेट डे’ 2024 इस दिन को हर साल मनाने का उद्देश्य है लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस दिन जगह-जगह पर ब्लड डोनेट कैंप लगाए जाते हैं. आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे.
हर साल 14 जून को ‘वर्ल्ड ब्लड डोनेट’ के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन नोबेल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर का बर्थडे होता है. कार्ल लैंडस्टेनर एक साइंटिस्ट थे जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम को खोजा था.
इनकी खोज से पहले यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप की जानकारी के बगैर किया जाता था. रक्तदान को महादान कहा जाता है. इसलिए हर जगह ब्लड डोनेशन को प्रोत्साहित किया जाता है. इस खास दिन पर ब्लड कैंप लगाए जाते हैं.
18 से 65 की उम्र के बीच ब्लड डोनेट कर सकते हैं
अगर आप ब्लड डोनेट करना चाहते हैं तो आपकी उम्र 18 से 65 के बीच होनी चाहिए. वहीं वजन कम से कम 46 किलो के आसपास होना चाहिए.
वहीं हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम होना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति ब्लड डोनेट करना चाहता है तो उसके पहले उसके कुछ टेस्ट करवाए जाते हैं. टेस्ट की रिपोर्ट के हिसाब से यह तय किया जाता है कि व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है या नहीं?
300 से 400 मिली ब्लड
ब्लड डोनेट में एक बार 300 से 400 मिली ब्लड एक बार में लिया जाता है. यह शरीर के पूरे ब्लड का 15 वां भाग लिया जाता है. ब्लड डोनेट करने के बाद शरीर दूसरा ब्लड बनाने की कोशिश करने लगता है. अगर आप अपना खानपान और डाइट अच्छा रखेंगे तो 24 घंटे में वापस से नया ब्लड बनने लगता है.
क्यों रक्तदान करते रहना चाहिए?
हमारे शरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स 90 से 120 दिन के अंदर खुद ही मृत हो जाती हैं. इसलिए कहा जाता है कि तीन महीने में रक्तदान करते रहना चाहिए. आपके रक्तदान से किसी जरूरतमंद को जीवन मिल सकता है.
व्यक्ति को तीन महीने के अंतराल पर रक्तदान करना चाहिए. अगर आप सेहतमंद है तो हर तीन महीने पर ब्लड डोनेट कर सकते हैं. जिन लोगों की हीमोग्लोबिन 12 से कम होती है. उन्हें ब्लड डोनेट करने का योग्य नहीं मानते हैं.
अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित या किसी इंफेक्शन से परेशान हैं और एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं तो उन्हें ब्लड डोनेट करने योग्य नहीं माना जाता है. 2 महीने या 56 दिन में एक बार रक्तदान कर सकते हैं. यह उनकी सेहत और सुरक्षा के लिहाज से बेहतर है.
ये लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं
अगर आप हाई या लो ब्लड प्रेशर की बीमारी से जूझ रहे हैं तो उन्हें ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए. टीबी के मरीजों को भी ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए.
क्योंकि ऐसा डर होता है कि यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल जाएगी. एड्स के मरीजों को भी ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए. इसलिए ब्लड डोनेट करने से पहले मरीज का ब्लड टेस्ट किया जाता है ताकि ब्लड डोनेट करने वाले को कोई बीमारी तो नहीं है.